गणेश जी की गजराज का सिर लगाने के बाद कटे हुए सिर का क्या किया।
भगवान श्रीगणेश को तो सब जानते हैं कि एक बार मां पार्वती नहा रही थी और भगवान शंकर अंदर जाना चाहते थे तो पार्वती के कहने पर गणेश जी ने किसी को भी अंदर नहीं जाने का प्रण लिया था।
और उस समय भगवान शंकर आ गए तो गणेश जी ने हट कर ली कि वह अंदर नहीं जाने देगा मां पार्वती का उन्हें आदेश है इसके बाद भगवान शिव ने क्रोध में आकर त्रिशूल चला दिया और गणेश जी की गर्दन काट दी जिसके बाद उन्हें गजराज का शिविर लगाया गया और उन्हें पुनर्जीवित किया गया।
लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान गणेश जी की कटे हुई सिर का आखिर क्या किया गया।
मान्यता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का जो मस्तक शरीर से अलग कर दिया था उसे उन्होंने एक गुफा में रख दिया इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है इस गुफा में विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदि गणेश कहा जाता है मान्यता के अनुसार कलयुग में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी।
यह गुफा उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर दूर स्थित है इसे पाताल भुवनेश्वर गुफा कहते हैं मान्यता है कि इस गुफा में रखे गणेश के कटे हुए सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं।
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