
कोरोनाकाल के बाद माना जा रहा है कि मैन पावर की बजाए एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी की ज्यादा मदद ली जाएगी। इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट युवाओं को यह विशेषज्ञता क्षेत्र नई संभावनाएं दे रहा है। परंपरागत इंजीनियरिंग क्षेत्रों की अपेक्षा इस क्षेत्र में प्रतियोगिता अभी कम भी है। AI की वजह से आने वाले दिनों में आईटी, रिटेल, फाइनेंस, टेक्सटाइल और ऑटो सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वह तकनीक है, जिसमें एक कंप्यूटर प्रोग्राम दिए जा रहे निर्देशों को समझने के बाद उन्हें संरक्षित करता है और उनके आधार पर भविष्य की जरूरतों को समझते हुए निर्णय देता है। एआई ने मशीनों के बीच संवाद को भी मुमकिन बना दिया है। असल में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ ने रोबोटिक्स की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है। रोबोट में अब इस तकनीक के चलते नया सीखने की क्षमता आ गई है। अब वह बहुत से काम करने का निर्णय खुद भी ले सकता है।
क्या है योग्यता और संभावनाएं
कंप्यूटर और गणित की आधारभूत शिक्षा प्राप्त छात्र एआई में करियर बना सकते हैं। कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट उम्मीदवार भी इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। इसके लिए बीएससी (कंप्यूटर साइंस) के साथ एआई में विशेषज्ञता कोर्स को चुनना ठीक रहेगा। इंजीनियरिंग के छात्र एआई में विशेषज्ञता अर्जित कर आगे बढ़ सकते हैं। एआई तकनीक में माहिर लोगों को शुरुआती स्तर पर सॉफ्टवेयर एनालेटिक्स, रोबोटिक्स प्रोग्रामर्स, गेमिंग क्षेत्र में प्रोग्रामर्स, सर्च इंजन में एनालेटिक्स जैसे पदों पर नौकरी मिल सकती है।
बढ़ रहा एआई का उपयोग
प्रत्येक क्षेत्र में एआई का उपयोग बढ़ रहा है, जो इस तकनीक के जानकार उम्मीदवारों के लिए अच्छा संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
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