जन्म कुंडली में यह योग जो बताते हैं ससुराल में सहयोग मिलेगा या नहीं।
आज इस आर्टिकल में हम आपको आपकी जन्मकुंडली के कुछ ऐसे योग बताएंगे जिससे आपको पता चल जाएगा कि आपको ससुराल में सहयोग मिलेगा या नहीं।
जिसकी कुंडली में चतुर्थेश (चतुर्थ भाव का स्वामी) या द्वितीयेश (द्वितीय भाव का स्वामी) सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि या शुक्र साथ हो तो व्यक्ति की ससुराल से लाभ मिलता है।
कुंडली में सप्तमेश (सप्तम भाव का स्वामी) एवं धनेश (द्वितीय भाव का स्वामी) एक ही राशि में हो और उन पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से मदद मिलती है।
कुंडली में चंद्रमा सप्तमेश (सप्तम भाव का स्वामी) हो या चंद्रमा धन भाव (दूसरा भाव) में हो तो ससुराल धनी होता है।
द्वितीय भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से फायदा मिलता है,कुंडली के चतुर्थ भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तम भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में हो तो ससुराल से लाभ होता है।
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